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जब कोई आपको हम-सा मिले हमसे बताइएगा/ विनय प्रजापति 'नज़र'
Kavita Kosh से
लेखन वर्ष: २००२/२०११
जब कोई आपको हम-सा मिले हमसे बताइएगा
देखेंगे उसकी जल्वागरी हमसे मिलवाइएगा
हमने देखा है यहाँ लोग मतलब परस्त होते हैं
आप ख़ुद को ऐसे मतलब परस्तों से बचाइएगा
बड़ी मीठी होती है अय्यारी<ref>चालाकी</ref> यहाँ ख़ुदगरज़ों की
पेश बहुत चालाक ऐसे अय्यारों से आइएगा
हमने ज़िन्दगी को दो पहलुओं से जिया है हरदम
आप मुझे वक़्त के चाहे जिस मोड़ पर बुलाइएगा
वक़्त इक आदत रही है जो बदल जाया करती है
आप आदतों के ऐसे बदलाव से बाज़ आइएगा
शब्दार्थ
<references/>