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जब जब प्यार सदाएं देगा / रविन्द्र जैन
Kavita Kosh से
जब जब प्यार सदाएं देगा तुमको दीवाना बना के
तब तब तुमको आना ही होगा मीत
मेरे मन के मीत मेरे मन के
अरमानों की धरती पे मन्दिर सपनों का बना
तुम मूरत बन जाओ तो पूरा हो सपना
प्यार पूजा बने तुम रहो सामने
साथ हम तुम रहें जिस्म-ओ-जां बन के
जब जब प्यार ...
नफ़रत का तूफ़ां कोई ये संसार उठाए ना
रस्मों की दीवारें कहीं राह में आएं ना
प्यार जब हो जवां जल उठा है जहां
साथ हैं डोलते दिये में उलझन के
ओ जब जब प्यार ...
तूफ़ानों के डर से हम यूं मजबूर नहीं होंगे
मिट जाएंगे प्यार से दूर नहीं होंगे
ये है वादा सनम हँस के झेलेंगे हम
वो खुशी हो या ग़म सारे जीवन के
जब जब प्यार ...