जब प्यार किसी से होता है / लोकमित्र गौतम
मुझे नहीं पता
जब दुनिया गुरुत्वाकर्षण के बारे में नहीं जानती थी
तब पेड़ से गिरते हुए सेब को
और जमीन से उठते हुए कदमों को
कैसे समझती थी?
मुझे नहीं पता जब दुनिया में
क्लासिनोफ़ राइफलें नहीं थीं
तब बन्दूक से होने वाली मौतों का
सालाना औसत क्या था?
या कि मरने और तड़पने के बीच की
न्यूनतम समयावधि क्या थी?
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के बिगबैंग सिद्धांत के मुताबिक़
जब दहकते हुए गोले से धरती बनी
क्या तब पदार्थ को द्रव्यमान वैसे ही मिला
जैसे हेड्रान कोलाइडर ने साबित करने की कोशिश की है
या यह सिर्फ एक अनुमान भर है?
मुझे नहीं पता
मगर मुझे कुछ कुछ ये पता है कि क्या होता है
जब प्यार किसी से होता है?
जब प्यार किसी से होता है
तब हम मनुष्यता के सबसे ऊंचे टीले में पहुँच गए से लगते हैं
आँखों में दूर दूर तक दिखने लगता है
बातों में बच्चों की सी मासूमियत झरने लगती है
क़दमों में लय आ जाती है
..और जिन्दगी का बीहड़ समतल नज़र आने लगता है
जब प्यार किसी से होता है
तो लगने लगता है हम बंदरों की नहीं
शायद पक्षियों की प्रजाति से हैं
और यह सोचते हुए तमाम बार
बाँहें खुद ब खुद पसर जाती हैं उड़ने के लिए
जब प्यार किसी से होता है
तो हमारे अन्दर सांस लेने लगते हैं धर्मराज युधिष्ठिर
और फैसले करने लगते हैं किंग सोलोमन
हमारे अन्दर जिरह करने लगता है एक किशोर अभिमन्यु
और बताने लगता है कि कैसे चक्रव्यूह का सातवां द्वार
तो वह अपनी विरासत की ताकत से ही तोड़ देगा
जब प्यार किसी से होता है
तो हमारे अंदर आ बैठता है एक कर्ण
जो कृष्ण से लेकर कुंती तक और इंद्र से लेकर दुर्योधन तक
किसी को निराश नहीं करता ,किसी को बेनकाब नहीं करता
सबको देता है ,सब कुछ दे देता है
दे देता है कवच कुंडल भी जैसे जीवन का बोझ हों
जब प्यार किसी से होता है
तो अन्दर और बाहर मुसलसल एक महाभारत छिड़ा होता है
जब प्यार किसी से होता है
तो चिचिलाती धूप, भली भली सी धीमी आंच लगने लगती है
और नख से शिख तक हममें इतनी ऊर्जा बहने लगती है
कि चाहें तो अँधेरा भगाने के लिए रौशनी का एक बल्ब जला सकते हैं
जब प्यार किसी से होता है...
तो समुद्र पिता हो जाते हैं और नदी,कभी माँ लगने लगती है, कभी प्रेमिका
कभी लोरियां सुनाने लगती है, कभी चुनौती देती है
लो पकड़ो मुझे
जब प्यार किसी से होता है ..
तब धरती के सारे कोण बदल जाते हैं
सारे रंग इन्द्रधनुषी हो जाते हैं
मन वोल्शेविक सैनिक हो जाता है
खूबसूरत कल पर फ़िदा फ़िदा...
जब प्यार किसी से होता है
तो आँखें बोलने लगती हैं और जुबान बेरोजगार हो जाती है
जब प्यार किसी से होता है तभी समझ में आता है
क्यों ..अज़ल से मुहब्बत की दुश्मन है दुनिया?
तभी समझ में आता है कि दुनिया की तमाम प्रेमकथाएं दुखांतिकाएं क्यों हैं?
तभी समझ में आता है कि प्रेम दरसल वह पराकाष्ठा है
जहाँ उसके कुछ न होने में ही होने की पूर्णता है
क्योंकि कुछ होना कभी भी पूरा होना नहीं होता है
प्रेम आकार को निराकार तक फैला देता है
व्यतीत को कालातीत कर देता है
प्रेम विज्ञान की प्रयोगशालाओं में हासिल नहीं होता
क्योंकि प्रेम में दोहराव की समरूपता नहीं है
किसी का प्रेम किसी रंग में सिरजता है
तो किसी का किसी और रूप में निखरता है
जब प्यार किसी से होता है
तो विज्ञान के सारे नियम बदल सकते हैं
आप हवा खाकर भी पर्याप्त कैलोरी पा सकते हैं
और दिल के बिना धड़के भी जिंदा रह सकते हैं
जब प्यार किसी से होता है
तो हम बहुत ताकतवर हो जाते हैं
एक रक्काशा भी ऐलान कर देती है
प्यार किया तो डरना क्या...?
प्यार इसीलिए हर तरह की व्यवस्थाओं के लिए खतरा है
क्योंकि वह किसी भी तरह की व्यवस्था का हुक्म नहीं मानता
इसीलिए व्यवस्थाएं चाहे वो पूरब की हों या पश्चिम की
सभी प्यार को खारिज करती हैं
खारिज ही नहीं करतीं बल्कि इस पर पहरे भी बिठाती हैं
कि कोई मना करने के बाद भी प्यार न कर डाले
प्यार इतना कुछ है
कि एक नज़र में तो उसका क्षितिज भी नहीं समाता
एक नजर में तो उसे देख पाना ही मुश्किल है
किसी एक भाषा में उसे व्यक्त कर पाना ही मुश्किल है
प्यार न मिले तो लालसाओं की आदिम भूख है
और मिल जाय तो जगत की आदिम अनिच्छा
जब प्यार किसी से होता है
तो यह लिख पाना बहुत मुश्किल होता है
कि क्या क्या होता है और क्या क्या नहीं होता?
जब प्यार किसी से होता है तो बिना दीक्षा लिए ही
हम महात्मा हो जाते हैं
जब प्यार किसी से होता है तो हम गौतम से बुद्ध हो जाते हैं
वीर से महावीर हो जाते हैं
दसों इन्द्रियों को साधने में दक्ष दशम गुरु हो जाते हैं
बोले सो निहाल…
जब प्यार किसी से होता है