जब बर्बर आएँगे / एल्विन पैंग / सौरभ राय
लाशों को बाहर निकाल दो, मग़र उन पर प्रलाप मत करो।
जज़्बाती होना अच्छी बात है। ज़रुरत पड़ने पर यादों को भी जगह मिलेगी।
लाशों को जलाओ। ज़मीन की जगह बचाए रखो, रहस्यों पर अफ़सोस मत करो। फ़ोटो खींचने वालों के लिए राख तैयार रखो।
घर की तमाम मिलकियत दफ़ना दो। स्मारकों को गिरा दो। पहले वो मूर्तियाँ तबाह की जाएँगी जिनके हाथ फ़तह में उठे हैं, फिर वे सभी जिनमें शेर हैं।
अपने घरों में महफूज़ रहो, अपनी ज़मीन पहचान लो और सवालों में बात मत करो।
जाहिल होने का बहाना करो।
नौकरों को गिनती सिखाओ। हिसाब करते वक़्त उनके फ़ायदे की ग़लतियाँ करो।
रसीदों को नज़र से दूर रखो। मुनासिब वक़्त देख कर उनके क़ानून को अपना कहो और मोहल्ले में अपनी साख बिगाड़ लो।
उनके इतिहासकारों को ग़लत जानकारियाँ दो। उन्हें अपने पकवान बनाने के ग़लत नुस्ख़े सिखाओ।
जड़ों की जीभ, और दरख़्तों की वज़ह का तकाज़ा करो। जब चीकू फले, उन्हें कहो ये लिंडन है। लिंडन को गिन्को बतलाओ।
लैक्सेटिव को मर्दानगी की दवा बतलाओ। दर्द को मज़बूत जज़्बातों से जोड़ दो।
रसूलों की लहर आएगी। किसी को मत बताओ अंजाम कब और कैसा होगा। सलाह-मशवरा मत करो। मुश्किल वक़्त में भी तरक्क़ी करते रहो।
किसी भी हालत में लोक-कथाओं की बात मत करो।
जब तक उनकी आँखों की सफ़ेदी दिखलाई न पड़े, अँधेरे में सौदे मत करो। जब वो भगवान की बात करें, सर झुका कर अपना मज़हब, अपनी शर्म, हँसी, नाराज़गी छिपाओ।
अपने बच्चों को उनके मरे हुए पुरखों जैसे कपड़े पहनाओ। अपनी बेटियों की शादी उनके घरों में करवाओ।
जल्द ही, तुम्हारे और उनके जनाज़े एक से निकलेंगे।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सौरभ राय