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जब सभी का खयाल करता है / ज्ञानेन्द्र मोहन 'ज्ञान'

जब सभी का खयाल करता है।
फिर भला क्यों मलाल करता है।

दोस्ती दुश्मनी न कर उससे,
जो कहीं गोलमाल करता है।

छोड़कर वो लिहाज दुनियाँ का,
हर किसी से बवाल करता है।

मय बुरी चीज है बताता वो,
और खुद इस्तेमाल करता है।

'ज्ञान' सीरत न देखता कोई,
काम हुस्नो ज़माल करता है।