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जब / ज़ाक प्रेवेर / अनिल जनविजय

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जब सिंह-शावक चूसे दूध
सिंहनी जवान हो जाती है

जब अग्नि सत्ता की ओर बढ़े
धरती कँपकँपाती है

जब मौत प्रेम की बात करे
जीवन जैसे थम-सा जाता है

और जीवन जब मौत को याद करे
प्रेम मुस्कराता है ।

रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय