भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जय जन भारत जन मन अभिमत / सुमित्रानंदन पंत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जय जन भारत जन मन अभिमत

जय जन भारत जन मन अभिमत
जन गण तंत्र विधाता
जय गण तंत्र विधाता

गौरव भाल हिमालय उज्ज्वल
हृदय हार गंगा जल
कटि विंध्याचल सिंधु चरण तल
महिमा शाश्वत गाता
जय जन भारत...

हरे खेत लहरें नद-निर्झर
जीवन शोभा उर्वर
विश्व कर्मरत कोटि बाहुकर
अगणित पग ध्रुव पथ पर
जय जन भारत...

प्रथम सभ्यता ज्ञाता
साम ध्वनित गुण गाता
जय नव मानवता निर्माता
सत्य अहिंसा दाता

जय हे जय हे जय हे
शांति अधिष्ठाता
जय-जन भारत...