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जय जय मधुसूदन! / मन्दार-मधुसूदन महिमा / महेश्वर राय

ऊँ
॥श्री गणेशाय नमः॥

जय जय मधुसूदन!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!
बैठे हो मंदार लिए तुम
शान्त, प्रशान्त बने हो गुमशुम
ऋषि, मुनि पाते ज्ञान हो!
जय जय मधुसूदन!!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!


तपोभूमि अतिशय मनभावन
बौंसी तीर्थस्थान हो!
जय जय मधुसूदन!!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!

गीत, भजन, झूमर का मन्दर
परमानन्द दे रहा अन्दर
ढोल, नगाड़ा, गान हो!
जय जय मधुसूदन!!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!

लिए रूप, लावण्य मनोरम
शीशमुकुट धरती का अनुपम
नील नीरधर श्याम हो!
जय जय मधुसूदन!!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!

नव्य-भव्य-वेषी मन्दारा
श्यामल गौर वर्ण अति न्यारा
किया आत्म-बलिदान हो!
जय जय मधुसूदन!!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!

नष्ट-भ्रष्ट हो गए असुरगण
हुआ देव-कल्याण हो!
जय जय मधुसूदन!!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!

शंकर ने पी लिया हलाहल
त्रिभुवन में फैला कोलाहल
दिया उन्हें भी त्राण हो!
जय जय मधुसूदन!!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!

गौरवर्ण पीताम्बरधारी
लोकपाल, मधुरिपु, हितकारी
शिवविषहर घनश्याम हो!
जय जय मधुसूदन!!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!

शंखचक्रधारी नारायण
माधव, विश्वरूप पारायण
करे आरती ध्यान हो!
जय जय मधुसूदन!!
श्याम विष्णु भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!

श्रद्धा से हम पूजन करते
भक्त तुझे निज हिय में धरते
दो अक्षय वरदान हो!
जय जय मधुसूदन!!
भगत-बछल भगवान हो!
जय जय मधुसूदन!!