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जय हिन्दी - जय देवनागरी / कोदूराम दलित

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सरल, सुबोध, सरस, अति सुंदर, लगती प्यारी-प्यारी है,
देवनागरी लिपि जिसकी, सारी लिपियों से न्यारी है ।
ऋषि-प्रणीत संस्कृत भाषा, जिस भाषा की महतारी है,
वह हिंदी भाषा भारत के लिए परम-हितकारी है ।

सहती आई जो सदियों से, संकट भारी-भारी है,
जीवित रही किंतु अब तक, उस भाषा की बलिहारी है ।
तुलसी, सूर, रहीम आदि ने की जिसकी रखवाली है,
वह हिंदी भाषा भारत के लिए परम–हितकारी है ।

कर न सकी जिसकी समता अरबी, उर्दू, हिंदुस्तानी,
बनी सर्व-सम्मति से जो सारी भाषाओं की रानी ।
मंद पड़ गई जिसके आगे, अंगरेज़ी बेचारी है,
वह हिंदी भाषा भारत के लिए परम–हितकारी है ।

जय हिंदी – जय देवनागरी — कहती जनता सारी है,
आज हिंद का बच्चा–बच्चा, जिसका बना पुजारी है ।
भरी अनूठे रत्नों से, जिसकी साहित्य–पिटारी है,
वह हिंदी भाषा भारत के लिए परम –हितकारी है ।