जलते हुए शहर की प्रभाती / ओशेन वुओंग / श्रीविलास सिंह
(दक्षिण वियतनाम, अप्रैल 29, 1975। सशस्त्र सेना रेडियो से बजता हुआ इर्विंग बर्लिन का 'ह्वाइट क्रिसमस' गीत — सैगोन के पतन के दौरान अमेरिकी नागरिकों और वियतनामी शरणार्थियों को हेलीकॉप्टर द्वारा निकालने हेतु 'ऑपरेशन फ्रीक्वेण्ट विण्ड' की शुरुआत का एक गुप्त संकेत था।)
बिखरी हैं मिल्क फ्लॉवर की पँखुड़ियाँ गलियों में
किसी बालिका के परिधान के टुकड़ों की भाँति ।
'तुम्हारे दिवस हों आनन्दमय और चमकीले…….'
वह भरता है चाय का एक प्याला शैम्पेन से, लाता है उसके होठों तक ।
'खोलो,' — वह कहता है ।
वह खोलती है ।
बाहर, एक सैनिक फेंकता है अपनी सिगरेट
और क़दमों की गड़गड़ाहट से
भर जाता है चौराहा,
जैसे आसमान से गिरे हों पत्थर । 'हो तुम्हारी क्रिसमस
पूर्णतः शुभ्र,' ट्रैफ़िक गार्ड
खोल रहा है अपना होल्स्टर ।
उसके हाथ फिर रहे उसकी (लड़की की) सफ़ेद ड्रेस के किनारों पर ।
उसकी काली आँखें ।
उसके (लड़की के) काले बाल ।
एक अकेली मोमबत्ती ।
उनकी परछाइयाँ : दो बत्तियाँ ।
एक सैन्य ट्रक गुज़रता है चौराहे से,
भीतर से आती बच्चों के घिघियाने की आवाज़ ।
एक साइकिल टकराई
एक दुकान के दरवाज़े से । जब उड़ती है धूल, एक काला कुत्ता
पड़ा है सड़क पर हाँफता हुआ,
कुचल गए हैं उसके पिछले पाँव
भागदौड़ में
एक 'श्वेत क्रिसमस' की ।
रैन-बसेरे पर पसरी है चम्पा की एक टहनी किसी गुप्त समूह की भाँति,
पहली बार ।
'चमक रहे वृक्षों के शिखर, सुन रहे बच्चे,' पुलिस प्रमुख
पड़ा है औंधे मुँह कोका कोला भरे गड्ढे में ।
हथेली जितनी बड़ी उसके पिता की तस्वीर
गीली हो रही है उसकी बायीं कनपटी के पास ।
गीत गुज़र रहा शहर के आर-पार एक विधवा की भाँति।
'एक श्वेत...एक श्वेत….मैं स्वप्न देख रहा हूँ ' बर्फ़ की एक चादर का
गिरती हुई
उसके कन्धों पर से ।
बर्फ़ टकराती हुई खिड़कियों से ।
बर्फ़ रेशा-रेशा हो चुकी
गोली की आवाज़ के साथ ही । रक्तिम आकाश ।
बर्फ़ है शहर की दीवारों पर से गुज़रते टैंकों पर ।
एक हेलीकॉप्टर ले जाता जीवितों को बस पहुँच से दूर ।
शहर है इतना सफ़ेद कि यह तैयार है स्याही के लिए ।
कह रहा है रेडियो भागो, भागो, भागो ।
बिखरी हैं मिल्क फ्लॉवर की पँखुड़ियाँ काले कुत्ते के ऊपर
किसी बालिका के परिधान के टुकड़ों की भाँति ।
'तुम्हारे दिवस हों आनन्दमय और चमकीले ।' वह कह रही है कुछ जिसे सुन नहीं सके दोनों में से कोई भी ।
काँप उठता है होटल उनके पाँव तले । बिस्तर
बर्फ़ का मैदान
टूटता हुआ ।
'चिन्ता मत करो ।' वह कहता है, जब पहला बम प्रकाशित कर देता है उनके चेहरे, 'मेरे भाइयों ने जीत लिया है युद्ध
और कल…..'
चली जाती है बिजली ।
'मैं स्वप्न देख रहा हूँ । मैं स्वप्न देख रहा हूँ…
सुनने का
बर्फ़ में बज रहीं स्लेज की घण्टियाँ…'
नीचे चौराहे पर, एक साध्वी, जलती हुई
दौड़ती है मौन
अपने ईश्वर की ओर —
'खोलो,' — वह कहता है ।
वह खोल देती है ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह