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जल की रानी / प्रमोद कुमार
Kavita Kosh से
मछली जल की रानी है
उसका जीवन पानी है
बच्चे केवल कंठ से इसे नहीं गाते
उनके साथ गाने लगते माता-पिता
जो कब के भूल चुके गाना
नाच उठता पूरा घर
कंकरीट से बाहर आकर,
जल की वह रानी
लाई गई है दुकान पर
उसे मूल्य तालिका पर लटकाकर
दुकानदार पढ़ा रहे बच्चों को
मिटा रहे बच्चों का प्रिय
उसके नाम को
बच्चों की आँखों में बोलने वाली
जल की रानी
भला क्या बोले दुकान पर !
जल की रानी के गीतों से समझनेवाले बच्चे
क्या गाएँ !