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जहान-ए-तसव्वुर / रेशमा हिंगोरानी

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ज़मीं पे,
आसमाँ पे,
सारे कहकशाँ में तुझे,
नाम ले-ले के पुकारा है,
तलाशा है तुझे!
आह निकली जो दिल से,
गूँज उठी हरसू फुगाँ,
नहीं तू साथ मगर,
होने लगा दिल को गुमाँ,
यहीं कहीं है तू,
जहान-ए-तसव्वुर में बसा!
रहे जो हौसले अपने भी यूँ ही फलक-रसा,
ढूँढ ही लेगा तुझे
अब ये अपना शौक़-ए-विसाल,
हम भी कर जायेंगे कायम,
जहाँ में,
तुर्फा मिसाल!

06.02.95