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ज़िन्दगी इक किताब है यारो / कर्नल तिलक राज

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ज़िंदगी इक किताब है यारो
हर वरक़ लाजवाब है यारो।

पढ़ सको तो पढ़ो मुहब्बत से
दिल की उम्दा किताब है यारो।

ख़ुदनुमाई जहाँ की फ़ितरत है
ये नशीली शराब है यारो।

लोक सेवक नहीं यहाँ कोई
हर कोई इक नवाब है यारो।

हक़फ़रोशी है जिस तरफ़ देखो
दोस्ती इक नक़ाब है यारो।

क़त्ल होती रही शराफ़त क्यों
वक़्त मांगे हिसाब है यारो।