ज़िन्दगी प्यार से प्यारी हो गयी है/ विनय प्रजापति 'नज़र'
लेखन वर्ष: २००४
ज़िन्दगी प्यार से प्यारी हो गयी है
मुझे रात-दिन तेरी ख़ुमारी हो गयी है
क्या किससे कैसे कहूँ क्या हुआ है
यह सब तेरी चाहत तेरी दुआ है
पल-पल तेरे लिए बेक़रारी हो गयी है
ज़िन्दगी प्यार से प्यारी हो गयी है
मुझे रात-दिन तेरी ख़ुमारी हो गयी है
तेरी नज़र ने उफ़ क्या जादू किया है
दीवाने का दिल प्यार में बेक़ाबू किया है
देख लो किस क़दर नाचारी हो गयी है
ज़िन्दगी प्यार से प्यारी हो गयी है
मुझे रात-दिन तेरी ख़ुमारी हो गयी है
मेरे ख़ाबों में तेरा आना जब हुआ
मेरी सीने से दिल का जाना तब हुआ
मीठे-से दर्द की बेशुमारी हो गयी है
ज़िन्दगी प्यार से प्यारी हो गयी है
मुझे रात-दिन तेरी ख़ुमारी हो गयी है
तेरी तस्वीर से बातें करने लगा हूँ
थोड़ा पागल ख़ुद को भी लगने लगा हूँ
मेरी आरज़ू बहुत बेचारी हो गयी है
ज़िन्दगी प्यार से प्यारी हो गयी है
मुझे रात-दिन तेरी ख़ुमारी हो गयी है