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जागो मेरे लाल जगत उजियारे / परमानंददास

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जागो मेरे लाल जगत उजियारे ।
कोटिक मनमथ वारों मुसकनि पर कमल नयन अंखियन के तारे ॥१॥
संगले ग्वालबाल बछ सब संग लेउ जमुना जी के तट पर जाउ सवारे ।
परमानंद कहत नंदरानी दूर जिन जाउ मेरे ब्रज के रखवारे ॥२॥