भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जानने की चाह / मीता दास
Kavita Kosh से
गोली मारो यह एक साधारण शब्द है फिर भी
गोली कौन मार रहा है,
गोली क्यों मारी जा रही है मैं जानना चाहती हूँ
गोली-बंदूक कहाँ हो रही हैं इकट्ठी या इकट्ठी हो चुकी हैं
मैं समझना चाहती हूँ !
गोली मारो एक साधारण सा शब्द है
पर मतलब कई रखता है...
मैं समझना चाहती हूँ और
समझाना भी चाहती हूँ
जो.... जानकर भी
अनजान बने बैठे हैं
....आरामगाहों में।