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जामुन रसीले / रमेश तैलंग

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जामुन रसीले
र्स के भरे ।
रस के भरे-
हाँ रस के भरे ।

थोड़े से खट्टे,
थोड़े से मीठे,
पेड़ से टपके
टूट के नीचे,
     जामुन रसीले
     रस के भरे ।

केले के पत्तों पर
ऐसे विराजे,
सिंहासन पर बैठे
जैसे महाराजे,
     जामुन रसीले
     रस के भरे ।

मन से जो खाए,
ख़ुश हो के जाए,
नमकीन, नमकीन-सा
स्वाद पाए,
     जामुन रसीले
     रस के भरे ।
     रस के भरे-
     हाँ, रस के भरे ।