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जाळा / निशान्त
Kavita Kosh से
रूई रै कारखानै सूं
निकलेड़ै मजूर रै
चिपक्या है
अणथाक जाळा
अै चिपक्या हुसी
ईं रै भीतर ई
पण किणनै दिखै बै
न इण नै न कारखानै रै
धणी नै
बै निगै आसी
स्यात अेक दिन
सफाखानैआळी मसीन नै।