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जिनके जीवन में / संगीता गुप्ता
Kavita Kosh से
जिनके जीवन में
उमड़ते ही रहते हैं
आए दिन
आँधी - तुफान
मेरे प्रभु
बना दो उन्हें तुम
बरगद का पेड़
या
नन्ही - सी दूब
उबर तो सकें वे
बार - बार
जड़ो से बिछुड़ते रहने की
पीड़ा से