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जिनखेल / अमरेन्द्र

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तड़बड़ ताषा तड़बड़ ताषा
पूजा पर सें गोल बताषा
मामी छै खोजै में बेदम
ई देखी पंडित जी तमतम
नानी फूलोॅ तर में खोजै
ई जिनखेल लगै छै सोझै
आखिर में जाय खुललै पोल
मामा मूँ सें फुटै नै बोल
पूज्हौ वक्ती वहेॅ तमाषा
तड़बड़ ताषा, तड़बड़ ताषा ।