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जिनमें अनबन है / पाब्लो नेरूदा / विनोद दास

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इन शादियों में खटास आ गई है
ये बेमेल जोड़े
एक दफ़ा अलहदा होकर
हमेशा-हमेशा के लिए टण्टा ख़त्म क्यों नहीं कर देते
उनके क़िस्से ख़त्म क्यों नहीं हो जाते
कमल और कमला की चिक-चिक, बक-झक
विनय और विनीता की तू-तू, मैं-मैं
राम और रमा के बीच मारपीट

कोई इनके पास फटकना भी नहीं चाहता
शादी की तेगा मछली
या तो तीखे तर्क-कुतर्कों से लैस होती है
या खारे आँसुओं में घुल जाती है
कृपया असहमत होने के लिए ही सही
मेहरबानी करके सहमत हो जाएँ
अपने चाकू, अपने काँटे, अपने नकली दाँत की
नुमाइश न करें

मोहब्बत के मुहाने पर
अभी भी आंसुओं के लिए जगह है
और मोहब्बत के मक़बरे को भरने के लिए
वहाँ मिट्टी भी काफ़ी नहीं है
लेकिन हम सूरज ढलने पर एक दूसरे को
नख-शिख से घायल करने या दन्त-दंश के लिए बिस्तर पर नहीं जाते
यह मामला अन्धेरी जगहों के लिए है

अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास