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जिनसे उठता नहीं कली का बोझ / विक्रम शर्मा

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जिनसे उठता नहीं कली का बोझ
उनके कन्धों पे ज़िन्दगी का बोझ

वक़्त जब हाथ में नही रहता
किसलिए हाथ पर घड़ी का बोझ

ब्याह के वक़्त की कोई फ़ोटो
गहनों के बोझ पर हँसी का बोझ

सर पे यादों की टोकरी रख ली
कम न होने दिया कमी का बोझ

मिन्नतें मत करो ख़ुदा से अब
आदमी बाँटें आदमी का बोझ

जब्त का बाँध टूट जाने दो
कम करो आँख से नदी का बोझ

हिज्र था एक ही घड़ी का पर
दिल से उतरा न उस घड़ी का बोझ

हमको ऐसे ख़ुदा कुबूल नही
जिनसे उठता नहीं ख़ुदी का बोझ