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जियो तो ऐसे जियो / अनिता ललित
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चढ़ो... तो आसमाँ में चाँद की तरह...
कि आँखों में सबकी... बस सको...
ढलो... तो सागर में सूरज की तरह...
कि नज़र में सबकी टिक सको...!