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जिस दिन / विनोद शर्मा

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जिस दिन
दुनिया की सारी स्त्रियां
समझ जाएंगी कि स्त्री दासी नहीं
जीवनसंगिनी है पुरुष की

और स्त्रियों के अधिकारों के लिए
उठाएंगी मिलकर आवाज
पुरुषों के खिलाफ

उस दिन
हां उसी दिन
मर जाएगा ईश्वर
उनका,
इस दुनिया का भी।