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जीने का मजा किरकिरा है / सांवर दइया
Kavita Kosh से
जीने का मजा किरकिरा है।
आदमी सांपों से घिरा है।
जाने से पहले सोच ज़रा,
अंधे कुएं का कहां सिरा है?
बस, एक क़दम दूर है मौत,
जब से कफ़ में खून गिरा है।
सोचा- जलाऊं गंदी बस्ती,
दुनिया ने कहा- सिरफिरा है।
वज़ह की वज़ह तलाशें आज,
जिस वज़ह हर कोई गिरा है।