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जीरू / समृद्धि मनचन्दा
Kavita Kosh से
जब सुभद्रा की आँख लगी
उसने देखा
वो कृष्ण की कोख में गर्भस्थ है
अभिमन्यु ने देखा
सारे व्यूह अभेद्य हैं
सारा भेद है कृष्ण
जब अर्जुन ने देखा
सोई सुभद्रा का मुख
वह जान गए
कृष्ण हैं समस्त धर्मयुद्ध
सारे व्यूह कृष्ण हैं
कृष्ण ही व्यास, कृष्ण ही जीरू<ref>वह भील जिसके बाण से कृष्ण की मृत्यु हुई</ref>
अनन्त कृष्ण है !
शब्दार्थ
<references/>