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जीवन है एक डगर सुहानी / अभिषेक कुमार अम्बर
Kavita Kosh से
जीवन है एक डगर सुहानी
सुख दुःख इसके साथी हैं,
कर संघर्ष हमें जीवन में
मंजिल अपनी पानी हैं ।
बड़ी दूर है मंज़िल अपनी
लंबा बड़ा है इसका रास्ता,
चलता रह बस तू चलता रह
पाकर मंजिल लेना सुस्ता।
चल दिखला दे सबको तू
बाकी तुझमें जो जवानी है,
कर संघर्ष हमें जीवन में
मंजिल अपनी पानी है।
मानो मेरी बात सखे तुम
जीवन को न व्यर्थ गँवाना,
याद रखे तुझको ये दुनिया
कर्म कुछ ऐसे करके जाना।
इतिहास के पन्नों पर
लिखनी एक नयी कहानी है।
कर संघर्ष हमें जीवन में
मंजिल अपनी पानी है।
चलते रहना सदा ओ राही
मंजिल तुझको मिल जायेगी,
बस तू थोडा धैर्य रखना
मेहनत तेरी रंग लाएगी।
करके रहना उसको पूरा
मन में जो तूने ठानी है।
कर संघर्ष हमें जीवन में
मंजिल अपनी पानी है।