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जीवन / मणिका दास
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सफ़र की शुरूआत से
आख़िर तक
सीने में
बजता रहता है
अपूर्णता का भाव
अनिश्चय में
डूबा रहता है
समय
मूल असमिया से अनुवाद : दिनकर कुमार