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जुबान और कान / भरत ओला

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ठोकर लगते ही
मैं लड़खड़ाया
और दीवार से जा टकराया

दीवार बोली
लड़खड़ओ मत
चलना सीखो

मैंने पूछा
तुम्हारे जीभ कब उग आई ?
तो बोली
जब से तुने जान लिया
कि दिवारों के भी कान होते हैं