भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जुर्रत से हर नतीजे की परवा किये बग़ैर / मुनव्वर राना
Kavita Kosh से
(जुर्रत से हर नतीजे की परवा किये बगैर / मुनव्वर राना से पुनर्निर्देशित)
जुर्रत से हर नतीजे की परवा किये बगै़र
दरबार छोड़ आया हूँ सजदा किये बगै़र
ये शहरे एहतिजाज है ख़ामोश मत रहो
हक़ भी नहीं मिलेगा तकाज़ा किये बगै़र
फिर एक इम्तिहाँ से गुज़रना है इश्क़ को
रोता है वो भी आँख को मैला किये बगै़र
पत्ते हवा का जिस्म छुपाते रहे मगर
मानी नहीं हवा भी बरहना किये बगै़र
अब तक तो शहरे दिल को बचाए हैं हम मगर
दीवानगी न मानेगी सहरा किये बगै़र
उससे कहो कि झूठ ही बोले तो ठीक है
जो सच बोलता न हो नश्शा किये बगै़र