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जेहि नदी कोसी माय सूतो नै थाहे / अंगिका
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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जेहि नदी कोसी माय सूतो नै थाहे,
से नदिया देल उसर लोटाय ।
आगू आगू माता उसर लोटबे
पाछू चरै नबेलाख धेनु गाय ।
राजा शिवसिंह पोखरि खुनैलन्हि
ओहि पोखरी कोसिका कयल पयान ।
आगू आगू रानू सरदार घसना खसाबे
पाछु कोसी करे सन्मुख धार ।