जैबै नया जहान में / ब्रह्मदेव कुमार
चलें गे सखिया, चलें बहिनियाँ-जैबै नया जहान में।
पढ़ी-लिखी केॅ, साक्षर बनबै, साक्षरता अभियान में।
भेंड़-बकरिया गैया-भैंसिया, लैकेॅ जैबै बथान में।
तैय्योॅ बहिनियाँ पढ़ै लेॅ जैबै, साक्षरता अभियान में।
गोबर चुनबै, गोयठा सुखैबै, मनोॅ लगैबै काम में।
तैय्योॅ बहिन गे लिखै लेॅ सीखबै, साक्षरता अभियान में।
धानोॅ काटी केॅ बोझबा ढोय केॅ, लै जैबै खलियान में।
टिप्पा मारै के कलंक मिटैबै, साक्षरता अभियान में।
आपनोॅ पढ़भै, बुतरूवोॅ पढ़ैबै, सफाई केॅ राखबै ध्यान में।
जिनगी के सब दुरगुन मिटैबै, साक्षरता अभियान में।
पिया के भेजलोॅ चिट्ठी गे बहिना, बसैबै तन-मन-प्राण में।
चिट्ठियो लिखी-लिखी केॅ भेजबै, सजना के सम्मान में।
तन-मन दूनोॅ खुशी सेॅ भरतै, फुदकतै आसमान में।
निरक्षरता के दागोॅ मिटैबै, साक्षरता अभियान में।