भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जॉन क्रिश्चियन / परिचय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जॉन क्रिश्चियन


मिशनरी पादरी थे। उपनाम ' जानमधन ' और ' अधमजन ' के नाम से भी जाने जाते हैं । कवि लक्ष्मीनाथ परमहंस के शिष्य । उन्हीं से संस्कृत, हिन्दी और योग की शिक्षा प्राप्त की ।

जन्म

अठारहवीं शताब्दी

निधन: 1883 ईस्वी के आसपास।

जन्म स्थान बिहार , भारत कुछ प्रमुख

कृतियाँ

मुक्तिपदावली / जॉन क्रिश्चियन (ईसामसीह की पद्यमय जीवनी) और सत्यशतक / जॉन क्रिश्चियन (ईश्वर भक्ति, प्रेम और वैराग्य सम्बन्धी 116 भजनों का संग्रह)।