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जोद्धा / राजूराम बिजारणियां
Kavita Kosh से
धड़.!
धड़ड़.!!
धड़ाम.!!!
अेक लारै अेक
पड़ाल में
छूटता गोळा।
बै-
कस‘र पांवचा
भागता साम्हीं
चुगता स्क्रेप
कम कोनी
पूरा जोद्धा है.!
बम रा
लाल बम्म!
उछळता
ताता टुकड़ा..
डरावै
पूछै सुवाल-
‘कितरी है पोटी.?‘
बै मुळकै
बोलै-
‘इतरी कै
मौत सूं
खोसल्यावां रोटी.!