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जोहता हूँ बाट रानी / बेढब बनारसी

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शीघ्र आओ प्रेम का मेरे न उलटे ठाठ रानी .
है असह्य वियोग बाले
है निशा टलती न टाले
करवटें लेते हुए -- टूटी हमारी खाट रानी
बोलने की बात तो क्या,
पत्र का उत्तर न भेजा
क्या कहीं की बन गयी हो आजकल तुम लाट रानी .
धर्म भी थोड़ा कमाऊँ
और दर्शन साथ पाऊँ
एक दिन आओ सबेरे तुम अहल्या घाट रानी .
विश्व मैंने है बिसारा
गीत बस अब है सहारा
मै जुदाई में तुम्हारी बन गया हूँ भाट रा .
देख क्या करते बिचारे
जब बिना दर्शन तुम्हारे
मिल गए कितने कहानी-लेखकों को प्लाट रानी
जोहता हूँ बाट रानी