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जो भि जाणू चपकि जाणू लीसो भारी देरादूण / प्रीतम अपछ्यांण
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जो भि जाणू चपकि जाणू लीसो भारी देरादूण
अफसर हो दफ्तर हो असरकारी देरादूण.
रजधानी की टांग फँसी रिपोर्ट की कुंडि मा
नेता उथैं जनता इथैं मारामारी देरादूण.
पाड़ रड़े सूखो पड़े जोड़मजुत्ता गौंऊ मा
मुवाजा की फैल हरै बल आणिकारी देरादूण.
गुळ्जागुळ्ज घिंघाघ्याळ चक्काजाम रोज ही
मुंड मुंडारो अदकपाळी बणि बिमारी देरादूण.
बाळ झड़े तोंद बढ़े न्यता नमान जो भि गै
नजूल की पौड़ि टीरि पट्टाधारी देरादूण.
चम्फावती हाट छुटे अल्मोड़ा दोरिहाट छुटे
खौळ्यूं रैगे गैरसैंण यनु जुवारी देरादूण.
हर्म औ रणिबास बला अफ्वा हो चै सच कुजाण
चळकणू पराण जी कु कख्च ब्वारी देरादूण.
बदलि करौ नौक्रि लगौ कंडळि कटौ बळ्द बिकौ
झूटा कसम गलदारों की पक्कि यारी देरादूण.