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झम झम झमकै ई कारौ बदरिया / चन्द्रनाथ मिश्र ‘अमर’

झम झम झमकै ई कारौ बदरिया
हम रोपी छप-छप-छप धान हो बाबा।
चम चम चम चमकै सोहागिन बिजुरिया
गम गम गम गमकै परान हो बाबा हम....।
अदरा बरसि गेल भरि भरि मौनी,
पुरबा लगौलक फेरो सुखौनी
उमड़ल सङे सङ आ सटकल सङे सङ
कोसी ओ कमला - बलान, हो बाबा हम....।
तोरो चढ़यबह हम बेलपतिया,
भाङ पिअयबह पिसि भरि पथिया,
हथियामे तोँ बाबा झपसी लगा दैह
बरखा हो अरिया नँघान, हो बाबा हम....।
बम बम बम कहि कहिकय गाल बजबयह,
अपनो नाचब, सङमे तोरो नचयबह,
तोहेँ पशुपति छह पशु केर मालिक
हमहू छी छेहा किसान, हो बाबा हम....।