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टंडेल / कुंदन अमिताभ

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बसबिट्टी केरऽ छाहरी में
नद्दी लगाँ
बंसी लेॅ केॅ बैठलऽ छै
गामऽ के छौड़ा
बंसी में छै मजगत डोरऽ
डोरऽ में छै चोखऽ खुद्धन
खुद्धन में छै
माँटी तरऽ सें निकाललऽ
हदियैलऽ जोंकटी
जोंकटी केरऽ गंध
पानी तरऽ में
सगरे पसरी रहलऽ छै
मछरी सूँघी केॅ ऐतै
जोंकटी केॅ हपकन मारतै
खुद्धन में खुद
बझलऽ चल्लऽ जैतै
डोरऽ सें बँधलऽ टंडेल
उब-डुब करेॅ लागतै
छौड़ाँ बंसी केॅ
तड़ाक छीपी लेतै
मछरी निकाली केॅ
फेरू सें खुद्दन में
दोसरऽ जोकटी पिरैलऽ जैतै
फेरू सें
टंडेल केरऽ टंडेली सें
मछली फँसाबै में
तल्लीन होय जैतै
गामऽ के छौड़ा।