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टन-टन-टनाटन / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
मुनिया री मुनिया!
ये सारी दुनिया
पैसे के पीछे भागे दनादन।
टन-टन-टनाटन! टन-टन-टनाटन!
जिसके खलीते में
पैसा न धेला,
फक्कड़-सा घूमे
वो बस अकेला,
छप्पर न सिर पर आँगन ही आँगन।
टन-टन-टनाटन! टन-टन-टनाटन!
जिस पर चढ़ी इस
पैसे की माया,
उसकी समझ में
कभी न आया,
प्यार है दुनिया में सबसे बड़ा धन।
टन-टन-टनाटन! टन-टन-टनाटन!