भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

टेलीफोन / बालस्वरूप राही

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हेलो, हेलो, कौन बोलता?
ज़रा-ज़रा से बोलो जी!
पापा जी से बात करोगे?
चले गए बाजार अभी।

उनका बेटा बोल रहा हूँ,
मुझे बताओ, क्या है काम!
पहले अपना नाम बताओ,
तभी पूछना मेरा नाम।