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ठीक उसी तरह मारा गया रोहित वेमुला / नित्यानंद गायेन

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हत्या की सारी तैयारी पहले से थी
भूख से कभी नहीं मरा किसान इस देश का
विश्वविद्यालय का छात्र भी नहीं मरा फाँसी लगाकर
जिस तरह पहले से तय षडयन्त्र के तहत
काट लिया गया था
एकलव्य का अँगूठा
ठीक उसी तरह मारा गया रोहित वेमुला
इस सीरिज में सबसे पहले निशाने पर था एकलव्य
द्रोणाचार्य ने किसके लिए माँग लिया था उसका अँगूठा !
कटा हुआ अँगूठा किसी काम का नहीं
माँगने वाले ने क्या किया उस अँगूठे से?
हाँ, अँगूठा देने वाले को बना दिया था अपंग
ताकि सुरक्षित रहें
हस्तिनापुर का भविष्य।
किसान ने जब भर दिया था अनाज के तमाम गोदामों को
फिर कैसे मर गया वह भूख से सपरिवार !
रथ के धँसने पर ही काट दी जाएगी
असहाय कर्ण की गर्दन
जानती थी सत्ता
हत्या अचानक नहीं होती किसी की
बहुत पहले से रची जाती हैं साज़िश
छान लीजिए इतिहास से तमाम हत्याओं की कहानी
आपको पता चलेगा
कि, यूँ ही नहीं हुआ था अचानक सब कुछ
आँखें बन्द कर लेने से
अन्धकार का भ्रम भर होता है
और चीख़ने से झूठ कभी सच नहीं हो जाता
आत्महत्या, केवल आत्महत्या नहीं
हत्या होती हैं।
— तुम्हारा कवि