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डहकन / शिव कुमार झा 'टिल्लू'

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तिलक लाख एगारह समधि तैयो नहि संतोख औ
एक पसेरीक छागर संगहि रसगुल्ला भरिपोख औ
नमरल धोधि कदीमा सनक दाँत केहेन छनि चोख औ
माइक दूधछोड़ल सोइरी सन बेटा चाटथि मोख औ
सात पिरहीके कृत्त उघारब तैयो ने लागत दोख औ
गछने छल हीरा केर अभरन ठकि लेलक निहसोख औ
काटर टकाकेँ बैंक दबेलहुँ की समधिनकेँ फेर कोखि औ
जेठक लकलक पीठ सतरिया की रस लेलकनि सोखि औ
बडकी समधिन हाहिक मारल ताकथि पोरगर लोक औ
टोलक सभटा बहसल छौड़ा ओगरनि हुनकर मोख औ
अठारह कैरेटके लॉकेट अनलहुँ कोनो ने धरिधोख औ
गारि सुन' मे किये लगै अछि दुन्नू भीत पर जोंक औ