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डाकिया ओ डाकिया! / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
डाकिया ओ डाकिया!
लाना मेरी चिट्ठी।
भूल नहीं, भूल नहीं
आना मेरी चिट्ठी।
चिट्ठी तरे आएगी
दूर से चल के,
मोटर से, रेल से
रस्ते बदल के,
रस्ते में ही न
गुमाना मेरी चिट्ठी।
डाकिया ओ डाकिया!
लाना मेरी चिट्ठी।
चिट्ठी में नानी के
आशीष होंगे,
अच्छे-भले शब्द
दस-बीस होंगे,
देर नहीं करना,
दिखाना मेरी चिट्ठी।
डाकिया ओ डाकिया!
लाना मेरी चिट्ठी।