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ड्राइवर / रेखा चमोली
Kavita Kosh से
मत चलाओ
इतनी तेज गाड़ी
ये पहाड़ी रास्ते
गहरी घाटियांे में बहती तेज नदी
जंगल जले हुए
लुढ़क सकता कोई पत्थर
जला पेड़
मोड़ पर अचानक
तेज बरसात से
बारूदी बिस्फोटों से
चोटिल हैं पहाड़
संभल कर चलो
गाड-गदने अपना
पूरा दम खम दिखा रहे
ड्राइवर
मत बिठाओ
इतनी सवारी
शराब पीकर गाड़ी मत चलाओ
फोन पर बात फिर कर लेना
कुछ दिन पहले
देखा तुम्हें
कॉलेज आते-जाते
कहाँ सीखी ये हवा से बातें करना?
ऐसा भी क्या रोमांच?
जो गैरजिम्मेदार बना दे
मेरे घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं
तुम्हारे घर में कौन-कौन हैं?