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तखनी छाती फाटै छै / मनीष कुमार गुंज
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बड़का के पक्का पर पक्का
दू-टा मोटर, चर-चर चक्का
लोग देखी के हक्का-बक्का
फूटपाथ पर बोरा ओढ़ी
कोय जिनगी जब काटै छै
तखनी छाती फाटै छै।
हाथों में सोना के चूड़ी
मोन मुताबिक हलुआ-पूड़ी
कोन्टा में कूड़ा-के-कूड़ी
भारत में चच्चा के बच्चा
जखनी पत्ता चाटै छै
तखनी छाती फाटै छै।
हीटर, सूटर, कोट, रेजाई
निर्धन जन नौड़ी, भौजाई
सोहदा बनलै घोर जमाई
हुन्ने कमियाँ काकी, जब
चिप्पी अंगिका में साटै छै
तखनी छाती फाटै छै।