तग़ाफ़ुल<ref>बेपरवाही</ref>-दोस्त हूँ, मेरा दिमाग़-ए-अ़जज़<ref>घमण्ड की कमज़ोरी</ref> आ़ली<ref>बड़ी</ref> है
अगर पहलू-तही<ref>एक तरफ हटाना</ref> कीजे, तो जा<ref>जगह</ref> मेरी भी ख़ाली है
रहा आबाद आ़लम, अहल-ए हिम्मत<ref>बहादुर लोग</ref> के न होने से
भरे हैं जिस क़दर जाम-ओ-सुबू<ref>प्याला और सुराही</ref> मैख़ाना ख़ाली है
शब्दार्थ
<references/>