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तजो कुविचार / प्रेमलता त्रिपाठी
Kavita Kosh से
तजो कुविचार आओ सब।
लुटाओ प्यार आओ सब।
कन्हैया राधिका मंदिर,
सजा श्रंृगार आओ अब।
सजे नटखट सँवरिया भी,
करो मनुहार आओ सब।
सखे जिनपर भरोसा है,
मिले आधार आओ सब।
रिझाना है सदा गाकर,
सरस मल्हार आओ सब।
भरो मन प्रीति की गागर,
सदा सुविचार आओ सब।
बहायें प्रेम की सरिता,
करें भवपार आओ सब।