पाँच तत्व जल थल पवन पावक और आकाश।
इन्हीं पाँच से पिंड तन मिलकर करै प्रकाश।।
मिल कर करै प्रकाश ईश ने साँठ लगाई।
करै प्रेम जो साँठ से गाँठहिं गाँठ मिठाई।।
कहैं रहमान साँठ रस पैहौ करिहौ करतब साँच।
काल आय लै जाय जिव काम न आवै पाँच।।
पाँच तत्व जल थल पवन पावक और आकाश।
इन्हीं पाँच से पिंड तन मिलकर करै प्रकाश।।
मिल कर करै प्रकाश ईश ने साँठ लगाई।
करै प्रेम जो साँठ से गाँठहिं गाँठ मिठाई।।
कहैं रहमान साँठ रस पैहौ करिहौ करतब साँच।
काल आय लै जाय जिव काम न आवै पाँच।।