भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तमसो मा / रचना श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
तमसो मा
गिरा पुल
हज़ारों लोग मरे
रिश्वत ले नेता
पत्रकारों को बता रहा था
आतंकवादियों की
साज़िश का अंदेशा जाता रहा था
दीवार पे लिखे
तमसो मा ज्योतिर्गमय के शब्द
इधर उधर हो रहे थे
फिर देखा तो लिखा था
ज्योत्योः मा तमोर्गमय