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तलाश / दिनकर कुमार

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मैं बहुत दिनों से तलाश कर रहा हूँ
कोई मुझसे सवाल करता
कि मेरा असली ठिकाना कहाँ है
कैसा मौसम है वहाँ
कैसे हैं सूरज-चान्द-सितारे
कैसी औरतें हैं वहाँ
कैसे हैं रीति-रिवाज
कैसी है लोकगीत की धुन
 
कि कबसे मैं दुख और सुख की
पहचान करने लगा था
कि कबसे अकेलापन और अन्धेरा
मुझे भाने लगा था
 
कि मेरी पसन्द का रँग कौन-सा है
मेरी पसन्द का फूल कौन-सा है
वह कौन-सी कहानी है
जिसे मैं पसन्द करता हूँ
 
कि मेरा पहला प्यार कैसा था
कैसा था पहला चुम्बन
कब से मैं लड़कियों के उभरे सीने का
मतलब समझने लगा
कब मैं पहली बार किसी के साथ
बारिश में भीगा था
कब मैंने वसन्त का स्पर्श किया था
 
मेरी आदतें कैसी हैं
कब मैं ख़ुश होता हूँ
कब मैं दुख से घायल होता हूँ
मेरी मुस्कराहट कैसी है
मेरी लम्बाई कितनी है
मेरा वजन कितना है
कैसी पोशाक मुझे पसन्द है
क्या-क्या खाना मुझे अच्छा लगता है
फुरसत के पलों में मैं क्या करता हूँ
 
मैं बहुत दिनों से
तलाश कर रहा हूँ
कि कोई मुझसे सवाल करता ।